I've been blogging for a year. I'm not a writer, but I think I have something to say. This blog has become a journal of my life. I love sharing my thoughts and getting feedback from my readers. I believe everyone can change and you don't have to be done living life to the fullest until you are dead.
Wednesday, 4 September 2013
..न जाने अभी जाना कितनी दूर है.. !
..और खुद को आजमाना कितनी दूर है.. !!
..बुरा वक्त आया सब छूटा किये मुझसे.. !
..कोई मिले तो पूछू वक्त पुराना कितनी दूर है..!!
..न जाने अभी जाना कितनी दूर है.. !
..और खुद को आजमाना कितनी दूर है.. !!
..मंजिले चल पङी मुझसे नाउम्मीद होकर.. !
..रास्ते पूछने लगे ठिकाना कितनी दूर है.. !!
..दूर तक लफ्जो की भीङ है !
..ढूंढ कर बता मुझे वीराना कितनी दूर है.. !!
..न जाने अभी जाना कितनी दूर है.. !
..और खुद को आजमाना कितनी दूर है.. !!
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